१ अणिमा :- अपने को सूक्ष्म बना लेने की क्षमता
२ महिमा :- अपने को बड़ा बना लेने की क्षमता
३ लघिमा :- अपने को हल्का बना लेने की क्षमता
४ ईशित्व :- हर सत्ता को जान लेना और उस पर नियंत्रण करना
५ वैशित्व:- जीवन और मृत्यु पर नियंत्रण पा लेने की क्षमता
६ प्रकाम्य:- कोई भी रूप धारण कर लेने की क्षमता
७ प्राप्ति :- कुछ भी निर्माण कर लेने की क्षमता
८ अंतर्मितत्व:- किसी भी वस्तु या जीव के अंतर्तत्व तथा
उसके स्वाभाव को जान लेने की क्षमता
परमपुरुष परमपिता परमेश्वर सदाशिव ने कुबेर देवता को समस्त निधियों का संचालक बनाया जो संख्यात्मक दृष्टि से इस प्रकार है
१ पदम् २ मध्य पदम् ३ शंख
४ मकर ५ कछप ६ मुकुंद
७ कुंद ८ नील ९ खरब
२ महिमा :- अपने को बड़ा बना लेने की क्षमता
३ लघिमा :- अपने को हल्का बना लेने की क्षमता
४ ईशित्व :- हर सत्ता को जान लेना और उस पर नियंत्रण करना
५ वैशित्व:- जीवन और मृत्यु पर नियंत्रण पा लेने की क्षमता
६ प्रकाम्य:- कोई भी रूप धारण कर लेने की क्षमता
७ प्राप्ति :- कुछ भी निर्माण कर लेने की क्षमता
८ अंतर्मितत्व:- किसी भी वस्तु या जीव के अंतर्तत्व तथा
उसके स्वाभाव को जान लेने की क्षमता
नौ निधियां
परमपुरुष परमपिता परमेश्वर सदाशिव ने कुबेर देवता को समस्त निधियों का संचालक बनाया जो संख्यात्मक दृष्टि से इस प्रकार है
१ पदम् २ मध्य पदम् ३ शंख
४ मकर ५ कछप ६ मुकुंद
७ कुंद ८ नील ९ खरब
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